क्राइम जर्नलिस्ट(सम्पादक-सेराज खान)

सोनभद्र से दिल्ली पहुंचा प्रतिनिधिमंडल, रेजांगला युद्ध के अमर शहीदों को दी श्रद्धांजलि।
दुद्धी/सोनभद्र।(प्रमोद कुमार) देश की राजधानी नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर सोमवार को रेजांगला युद्ध के अमर शहीदों की याद में शौर्य दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सोनभद्र जिले से अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा का प्रतिनिधिमंडल भी दिल्ली पहुंचा और वीर अहीर सैनिकों को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
ज्ञात हो कि वर्ष 1962 में लद्दाख के दुर्गम रेजांगला दर्रे पर भारत और चीन के बीच ऐतिहासिक युद्ध हुआ था। यह लड़ाई 18 नवंबर 1962 को 13 कुमाऊं बटालियन की ‘चार्ली कंपनी’ के 120 अहीर सैनिकों ने लड़ी थी। सीमित संसाधनों और भीषण ठंड के बावजूद भारतीय सैनिकों ने लगभग 3,000 चीनी सैनिकों का डटकर सामना किया। इस भीषण युद्ध में 1,300 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए, जबकि भारत के 114 वीर अहीर सपूत मातृभूमि के लिए शहीद हो गए। केवल कुछ सैनिक ही विजय प्राप्त कर वापस लौटे, जिनमें वीर सैनिक रामचंद्र यादव आज भी जीवित हैं और जब भी वे रेजांगला युद्ध का जिक्र करते हैं, भावुक हो उठते हैं।
इस ऐतिहासिक दिन को याद करते हुए 18 नवंबर को दिल्ली में शौर्य दिवस मनाया गया, जिसमें देशभर से पहुंचे अहीर सैनिकों और पूर्व सैनिकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान अहीर रेजिमेंट के गठन और जाति गणना कराए जाने की मांग भी जोर-शोर से उठाई गई।
सोनभद्र जिले से दिल्ली पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के जिला अध्यक्ष जगत नारायण यादव, प्रवक्ता त्रिभुवन यादव, कोषाध्यक्ष रामप्रसाद यादव और विशिष्ट आमंत्रित सदस्य शिव कुमार यादव शामिल रहे, जिन्होंने जंतर-मंतर पर आयोजित कार्यक्रम में शहीदों को नमन किया।
