Crime Journalist (सम्पादक-सेराज खान)

ब्यूरो चीफ सुल्तानपुर-आकृति अग्रहरि
दिनदहाड़े हत्या के केस में हाईकोर्ट की रोक के चलते टला फैसला!
एक्स-रे रिपोर्ट को लेकर फंसा पेंच,हाईकोर्ट ने निर्णय रोकने का दिया है आदेश!
28 अक्टूबर को एक्स-रे रिपोर्ट के बिंदु पर हाईकोर्ट करेगी सुनवाई,ट्रायल कोर्ट ने लगाई 30 तारीख!
सुलतानपुर – पति-पत्नी के बीच हुई कहासुनी के बाद मायके पक्ष के जरिए ससुराल पहुंचकर मार-पीट करने एवं वादी के बड़े भाई की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या करने के मामले में शनिवार को अपर जिला जज प्रथम संतोष कुमार की अदालत ने फैसले के लिए दिन तय किया था। फिलहाल निर्णय सुनाने के ठीक पहले ही बचाव पक्ष की तरफ से एक्स-रे रिपोर्ट को लेकर दाखिल हुई याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई लम्बित होने व निर्णय पर रोक लगे होने की बात सामने लाई गई। अदालत ने हाईकोर्ट का आदेश सामने आने के बाद फैसला टाल दिया और मामले में सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तारीख तय कर दी है।
कुड़वार थाने के बहलोलपुर गांव निवासी उमाकांत मिश्र ने स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक 31 अक्टूबर 2018 को उनके व उनकी पत्नी अर्चना मिश्रा के बीच कुछ कहा-सुनी हो गई थी, जिसके चलते उनकी पत्नी अर्चना ने अपने मायके वालों को कुछ बता दिया था,लेकिन क्या बताया था यह उनकी जानकारी में नहीं था। आरोप के मुताबिक इसी बात को लेकर अगली सुबह दिन में करीब 10:30 बजे कूरेभार थाने के जुड़ापट्टी के रहने वाले वादी के साले रजनीश मिश्र व गोलू मिश्र,उनके पिता गिरजेश मिश्र अपने भाई अजय मिश्र व उनके लड़के व पांच-छह अन्य लोगों के साथ एकराय होकर बोलेरो जीप से हाथों में हाकी, डंडा व तमंचा लेकर आए और उनके दरवाजे पर बवाल करने लगे। आरोप के मुताबिक आरोपियों ने उनके घर वालों को मारा-पीटा। इसी दौरान गिरजेश मिश्र ने वादी के बड़े भाई श्रीकांत मिश्र उर्फ सोनू मिश्र को पकड़ लिया और अपने बेटे रजनीश मिश्र को गोली मारने के लिए ललकारा। वादी के मुताबिक अपने पिता के ललकारने पर उनके बेटे रजनीश ने उनके बड़े भाई श्रीकांत को गोली मार दी,जिससे उनकी मौत हो गई। इस मामले में अन्य लोगों को भी चोंटे आने की बात सामने आई।मामले में पुलिस ने रजनीश मिश्र,गोलू मिश्रा,अजय मिश्र, गिरजेश मिश्र व प्रकाश में आई अर्चना मिश्रा एवं एक बाल अपचारी को आरोपी बनाते हुए आरोप पत्र दाखिल किया। आरोपी गिरजेश मिश्र की लम्बी क्रिमिनल हिस्ट्री बताई जा रही है। मामले में बाल अपचारी के खिलाफ किशोर न्यायालय में विचारण चल रहा है। वहीं शेष पांच आरोपियो के खिलाफ अपर जिला जज प्रथम की अदालत में विचारण चल रहा है। अदालत ने शनिवार के लिए इस मामले में निर्णय की तारीख तय की थी। इसी बीच आरोपी अर्चना मिश्रा की तरफ से हाईकोर्ट से निर्णय पर रोक लगे होने सम्बन्धी आदेश की कम्प्यूटर प्रति व अर्जी देकर निर्णय रोकने की मांग की गई। हाईकोर्ट में अपने अधिवक्ता सुखदेव सिंह के माध्यम से याचिका पेश करने वाली आरोपी अर्चना मिश्रा के मुताबिक उनके पिता गिरजेश मिश्र को भी घटना में चोंटे आई थी,बचाव पक्ष के मुताबिक उन्होंने भी अपने पक्ष के साथ हुई घटना पर क्रॉस मुकदमा किया है,लेकिन पुलिस ने उनकी चोटों से संबंधित एक्स-रे रिपोर्ट को विवेचना का अंग नहीं बनाया। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता पवन कुमार दूबे व निजी अधिवक्ता शिव बहादुर पाण्डेय ने बचाव पक्ष की इन कार्यवाहियो को मात्र ट्रायल बाधित करने का जरिया बताया। बचाव पक्ष के मुताबिक केजीएमयू में हुए आरोपी गिरजेश मिश्र की एक्स-रे रिपोर्ट परीक्षित कराने को लेकर उन्होंने रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर शिवमणि को बचाव पक्ष के गवाह के रूप में पेश किया,लेकिन ट्रायल कोर्ट में उनकी गवाही नहीं हो सकी। बचाव पक्ष के अनुसार इस संबंध में उनकी अर्जी को भी अदालत ने निराधार मानते हुए खारिज कर दिया था। आरोपी अर्चना मिश्रा की तरफ से एक्स-रे रिपोर्ट पर गवाही कराने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। जिस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव सिंह की बेंच ने अगली सुनवाई के लिए 28 अक्टूबर की तारीख नियत की है और मामले को टॉप टेन केस की सूची में सूचीबद्ध करने का भी निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने तब तक के लिए ट्रायल कोर्ट को निर्णय करने पर रोक लगा दी है। निर्णय के स्तर पर नियत पत्रावली में बचाव के जरिए प्रार्थना पत्र देने के बाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में एडीजे कोर्ट ने मामले में निर्णय टालते हुए सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तारीख तय की है। हाईकोर्ट से जारी आदेश की पुष्टि करने व प्रमाणित प्रति दाखिल करने को लेकर देर शाम तक निर्णय होने अथवा न होने में असमंजस की स्थिति बनीं रही। अब हाईकोर्ट में 28 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई के बाद ही इस केस में आगे की स्थिति साफ होगी।
