क्राइम जर्नलिस्ट(सम्पादक-सेराज खान)

जिला मुख्यालय संवाददाता-एडो0 राजेश पाठक
पॉक्सो एक्ट: दोषी छोटे को 20 वर्ष की कठोर कैद
– 20 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
– अर्थदंड की धनराशि में से 15 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी
– करीब साढ़े 4 वर्ष पूर्व 7 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किए जाने का मामला
सोनभद्र। करीब साढ़े 4 वर्ष पूर्व पीड़िता के घर के समीप नाले के पास 7 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी छोटे को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। उसके ऊपर 20 हजार रूपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 15 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक रामपुर बरकोनिया थाना क्षेत्र निवासी पीड़िता की मां ने दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 21 मई 2021 को सायं 7 बजे छोटे पुत्र जंगाली निवासी दरमा, थाना रामपुर बरकोनिया, जिला सोनभद्र उसकी 6 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ अकेला घर के समीप नाले के पास पाकर जबरन दुष्कर्म कर रहा था। बेटी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर वहां बेटे के साथ पहुंची तो वह कहीं शिकायत करने पर जान मारने की धमकी देते हुए भाग गया। पुलिस ने जांच करने की बात कही। एसपी सोनभद्र को रजिस्टर्ड डाक से सूचना दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब कोर्ट में धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत प्रर्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई थी। कोर्ट के 2 जुलाई 2021 के आदेश के अनुपालन में रामपुर बरकोनिया पुलिस ने 7 जुलाई 2021 को एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। मेडिकल जांच में पीड़िता की उम्र 7 वर्ष के आसपास बताई गई।पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने छोटे के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्को को सुनने, 7 गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी छोटे (25) वर्ष को 20 वर्ष की कठोर कैद एवं 20 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वही अर्थदंड की धनराशि में से 15 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर ले सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने बहस की।
