क्राइम जर्नलिस्ट(सम्पादक-सेराज खान)

आशा व संगिनी कर्मियों ने उठाई नियमित वेतन व राज्यकर्मी दर्जे की मांग।
•1 नवम्बर से कलमबंद हड़ताल, 17 नवम्बर को दिल्ली में प्रदर्शन की चेतावनी
दुद्धी/सोनभद्र।(प्रमोद कुमार) दुद्धी ब्लॉक के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशा और आशा संगिनी (फैसिलिटेटर) कर्मियों ने नियमित मानदेय, राज्यकर्मी का दर्जा और लंबित भुगतान की मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है। शनिवार को आल इंडिया आशा बहू संगठन की प्रतिनिधि मंजूलता मोपी के नेतृत्व में कर्मियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) दुद्धी के चिकित्साधीक्षक डॉ. शाह आलम को विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि बीते 18 वर्षों से आशा बहनें मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, टीकाकरण अभियान, पोलियो उन्मूलन और कोविड-19 जैसी महामारी के समय अग्रिम पंक्ति में रहकर कार्य कर रही हैं। इसके बावजूद उन्हें अब तक उनके कार्य के अनुरूप वेतन और राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है।
कर्मियों ने प्रमुख मांगों के रूप में नियमित मानदेय के साथ निश्चित वेतन, राज्यकर्मी का दर्जा, कार्य के दौरान दुर्घटना में मृत्यु पर 20 लाख रुपये का मुआवजा तथा मृतक आशा के परिवार के सदस्य को सेवा में वरीयता देने की बात कही। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन की उपेक्षा के कारण अब हालात आंदोलन के लिए मजबूर कर रहे हैं।
शनिवार को सीएचसी परिसर में संगिनी एवं आशा कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कर्मियों ने चेतावनी दी कि यदि 31 अक्टूबर 2025 तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो प्रदेशभर की आशा बहनें 1 नवम्बर से कलमबंद हड़ताल करेंगी। साथ ही 15 नवम्बर को दिल्ली के लिए रवाना होकर 17 नवम्बर को जंतर-मंतर पर विशाल प्रदर्शन करेंगी।
प्रदर्शन में संगिनी वर्ग से इंद्रावती देवी, संगीता देवी, सविता देवी जबकि आशा वर्ग से गीता देवी, संध्या देवी, कांति देवी, उषा देवी, सुनिता देवी, कौशल्या देवी, यशोदा देवी, सुशीला देवी, इंदु देवी, सुखमनीया और सुमन देवी सहित बड़ी संख्या में कर्मी शामिल रहीं। प्रदर्शन स्थल पर प्रशासनिक उदासीनता को लेकर कर्मियों में गहरा रोष देखा गया और सभी ने सरकार से शीघ्र कार्रवाई की मांग की।
