क्राइम जर्नलिस्ट(सम्पादक-सेराज खान)

जंगल-पहाड़ियों की मुश्किल राह, 80 किमी दूर जिला मुख्यालय,दुद्धी को जिला बनाए जाने की मांग तेज।

दुद्धी/सोनभद्र।(प्रमोद कुमार)दूर्गम जंगलों, पहाड़ियों और तीखे मोड़ों के बीच बसे दुद्धी क्षेत्र के लोगों द्वारा शनिवार को दुद्धी जिला बनाओं की मांग को लेकर कचहरी परिसर के गेट पर जोरदार प्रदर्शन किया गया। अधिवक्ताओं और संघर्ष समिति के नेतृत्व में जुटी सैकड़ों लोगों की भीड़ ने साफ कहा कि इतना जटिल भौगोलिक क्षेत्र, 80 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय और आदिवासी बहुल आबादी जैसे कारणों से दुद्धी का जिला बनना वक्त की जरूरत है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सोनभद्र जिला मुख्यालय तक पहुंचना न केवल लंबा सफर है, बल्कि घने जंगलों, पहाड़ी घुमावों और अव्यवस्थित परिवहन की वजह से यहां के लोगों, खासकर गांवों में रहने वाले आदिवासी निवासियों के लिए कठिन हो जाता है। छोटी -बड़ी सरकारी जरूरतें, बीमारियों का उपचार, बच्चों के शिक्षा सम्बंधी कार्य या प्रशासनिक सुनवाई हर बार लोगों को जोखिम भरा सफर झेलना पड़ता है।
संगठनों के नेताओं ने बताया कि दुद्धी की आबादी में बड़ी संख्या में आदिवासी और वंचित वर्ग शामिल हैं। इलाके के विकास और प्रशासनिक सुविधाओं की सीधी पहुंच के लिए दुद्धी का जिला बनना बेहद ज़रूरी है। वहीं, लंबे समय से जारी आमरण अनशन, पदयात्राएँ और क्रमिक धरने के बावजूद अभी तक शासन से केवल आश्वासन ही मिले हैं।
अधिवक्ता और संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सरकार को स्मरण कराया कि चुनावी वादों के अनुरूप क्षेत्र की भौगोलिक विषमताओं और सामाजिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दुद्धी को जिला घोषित किया जाए, जिससे स्वास्थ्य, शिक्षा, न्याय और विकास की सुविधाएं सीधा और सुलभ रूप से क्षेत्रवासियों को मिल सकें।
प्रदर्शन में प्रेमचंद्र यादव ,प्रभु सिंह ,कैलाश कुमार गुप्ता ,रामपाल जौहरी,सत्यनारायण यादव, अरुणोदय जौहरी,राजेश मिश्रा ,राकेश अग्रहरि,आशीष गुप्ता ,शंभू कौशिक ,मुनेश्वर देवगन ओबरा ,अमरावती देवी बड़ी संख्या में अधिवक्ता, संघर्ष समिति के पदाधिकारी और आम लोग शामिल रहे। सभी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र पहल नहीं की तो क्षेत्रवासी मजबूर होकर आंदोलन को अगले चरण में ले जाएंगे।