क्राइम जर्नलिस्ट(सम्पादक-सेराज खान)

आस्था का महापर्व का प्रथम दिन का हुआ सुरुआत।
दुद्धी/सोनभद्र।(प्रमोद कुमार)आस्था की प्रतीक महापर्व छठ को लेकर नहाय खाय करते हैं, इस दिन ब्रती महिलाए व पुरूष नदी व तालाबों में स्नान करते हैं तथा शुद्ध भोजन ग्रहण करतें हैं।इस भोजन में आम तौर पर कद्दू भात व चना दाल तथा लौकी की शब्जी सामिल होती हैं जिसे सेंधा नमक और घी में बनाया जाता हैं।छठ पर्व का पहला दिन जिसे नहाय खाय के नाम से जाना जाता हैं उसकी सुराआत चैत्र या कार्तिक महीने के चतुर्थी कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होता हैं।सबसे पहले अपने अपने घरों को साफ कर पवित्र किया जाता हैं।उसी क्रम में आज तहसील मुख्यालय पर स्थित प्राचीन शिवाजी तालाब व लऊवा नदी,लवकुश पार्क,लकड़ा बांध,ठेमा नदी,लकड़ा नाला सहित सभी जलाशयों पर ब्रती धारी महिलाओं व पुरुषों द्वारा आज के प्रथम दिनक छठ महापर्व मनाने के लिए आज से सुरूआत कर दिए हैं।छठ पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य की उपासना कर शारिरिक मानसिक व आत्मिक शुद्धि प्राप्त करना हैं।चार दिनों तक चलने वाली इस महापर्व में खरना,सन्ध्या अर्ध्य,प्रातः कालीन अर्ध्य के साथ समाप्त हो जाता हैं।
छठ पूजा के दौरान सबसे लोकप्रिय प्रसाद ठेकुआ होता हैं जो सूखा व मीठा होता हैं, गेंहू के आटे सूखे नारियल पिघली हुई चीनी और घी से बनाया जाता हैं जो पूजा के दूसरे दिन बनाया जाता हैं फिर सूर्य देव को चढ़ाया जाता हैं।इस पर्व को मनाए जाने को लेकर धर्मिक संगठन के लोग बैठक कर सम्पन्न कराने की दिशा में लगें रहतें हैं।शिवाजी तालाब पर छठ महापर्व को सम्पन्न कराने के लिए इस व्यस्था को जय बजरंग अखाड़ा समिति के देख रेख मनाया जाता हैं जिसमे नगरपंचायत अध्यक्ष कमलेश मोहन का बहुत बड़ा सहयोग रहता हैं वही जेबीएस के अध्यक्ष पंकज जायसवाल व महामंत्री दीपक शाह के नेतृत्व में यह पर्व सम्पन्न होता हैं,सरंक्षक में रामलीला समिति के अध्यक्ष कन्हैया लाल अग्रहरि व महामंत्री सुरेंद्र गुप्ता,व पंकज अग्रहरि(बुल्लू)व कमल कुमार कानू,राजकुमार अग्रहरि,रामपाल जौहरी, अविनाश वाह वाह आदि लोगों का सहयोग रहता हैं तथा सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार राय व दुद्धी कोतवाली प्रभारी निरिक्षक स्वतंत्र कुमार सिंह व कस्बा प्रभारी जयशंकर राय व श्याम जी यादव,एस एस आई सुरेश चंद्र द्धिवेदी,महिला थाना प्रभारी सन्तु सरोज मय पुलिस व पीएसी के जवानों के साथ पूजा स्थल पर चक्रमण करते रहें।
