क्राइम जर्नलिस्ट(सम्पादक-सेराज खान)
दुद्धी में बौद्ध भिक्षुओं के समर्थन में आवाज उठाई गई।
दुद्धी/सोनभद्र।(प्रमोद कुमार) सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभु सिंह एडवोकेट ने बौद्धगया के महाबोधी महाबिहार मुक्ति आंदोलन के समर्थन में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। उन्होंने कहा कि गया जिला प्रशासन ने बौद्ध भिक्षुओं पर एफआईआर दर्ज कर अपनी तानाशाही का परिचय दिया है।
विश्व प्रसिद्ध बौद्ध धर्म स्थल बौद्धगया में प्राचीन बौद्ध मंदिर है, जिसका प्रबंधन बी.टी.एम.सी.ए. 1949 के तहत किया जाता है। इस समिति में 9 सदस्य होते हैं, जिनमें 4 बौद्ध, 4 हिंदू और 1 गया डीएम या एसपी होते हैं। विश्वभर के बौद्ध संगठनों ने इस मंदिर को बौद्धों के अलावा दूसरे धर्मों के लोगों को प्रबंधन समिति में रखने से मुक्त करने की मांग को लेकर धरना दिया है।
बौद्ध संगठनों ने 10 मार्च से धरना देना शुरू किया था, जो शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से किया जा रहा था। हालांकि, गया जिला प्रशासन ने 14 मई 2025 को विभिन्न अपराधिक धाराओं में FIR दर्ज कर दिया और मुख्य संचालक विनियाचार्य को गायब भी कर दिया गया है।
प्रभु सिंह एडवोकेट ने प्रशासन से बौद्धों के उत्पीड़न पर तत्काल रोक लगाए जाने और एफआईआर को रद्द करने तथा मंदिर को 1949 एक्ट से मुक्त करने की मांग किया। साथ ही धार्मिक स्वतंत्रता का आदर किए जाने की मांग किया है ।उन्होंने कहा कि विश्वभर में बौद्ध समर्थक इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं और प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि वह बौद्धों की मांगों को सुने और उचित कार्रवाई करें।