Crime Journalist (सम्पादक – सेराज खान)
ब्यूरो चीफ सुल्तानपुर-आकृति अग्रहरि
सिंचाई विभाग का स्क्रैप घोटाला!
संदिग्ध को ही सौंप दी जांच कमेटी की कमान!
घोटालेबाजों को बचाने में बैकफुट पर विभाग, हड़बड़ी में लगातार गड़बड़ी!
सुलतानपुर – सिंचाई विभाग के शारदा सहायक खंड 16 स्क्रैप घोटाले में विभाग बैक फुट पर आ गया है। घोटालेबाजों को बचाने के लिए आला अधिकारी हड़बड़ी में गड़बड़ी करते जा रहे हैं। मामले की जांच के लिए बनाई गई तीन सदस्य जांच कमेटी की कमान जिस सहायक अभियंता को सौंप दी है जिसके क्षेत्र में आधा दर्जन पुलों का निर्माण हो रहा है। जिससे पूरी जांच कमेटी पर ही सवाल उठ रहे हैं। उधर इस प्रकरण में अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हो सका है। जिससे विभाग की नीयत पर भी संदेह हो रहा है।
विदित हो कि बीते वर्ष ड्रेन और नहरों पर बने 50 वर्ष से अधिक पुराने हो चुके पुलों को शासन ने तकनीकी जांच के बाद जर्जर घोषित कर दिया था। इनमें कूरेभार ड्रेन की 6 पुलिया और एक नहर का पुल भी शामिल है । कूरेभार ड्रेन के 5.170,16.180,22.330,23.850,24.160,और29.300 की.मि. ने पुल बनाए जाने है। बजट आने के बाद कार्य भी शुरू हो चुका हैं। ड्रेन पर 3.15 करोड़ की लागत से कुल 6 पुल बनाए जा रहे हैं। जबकि एक करोड़ 88 लाख की लागत से नहर पर भी एक पुल का जीर्णोद्धार चल रहा है। कुल 5 करोड़ 13 लाख की लागत से होने वाले इन पुलों के निर्माण के इस्टीमेट में जर्जर पुलों को तोड़ने से लेकर नए पुलों का निर्माण शामिल है। जयसिंहपुर विकासखंड क्षेत्र के पुरुषोत्तमपुर संपर्क मार्ग के अलावा पलिया, बरसोमा, राम बहादुर नदी धाम मार्ग पर ,कूरेभार ड्रेन पुल बनाए जा रहे है।कई स्थानों पर पोकलैंड मशीनों द्वारा युद्ध स्तर पर तोड़फोड़ का काम हो चुका है। कहीं-कहीं नए पुलों का निर्माण भी प्रारंभ हो चुका है। इन पुलों से निकले पुराने लोहे और मलबे के बेचने का मामला प्रकाश में आया तो अधिशासी अभियंता शरद कुमार ने जांच के लिए तीन सदस्य टीम बना दी । टीम बनाने भी में भी शासनादेश का उल्लंघन किया गया। टीम की कमान सहायक अभियंता ध्रुव अग्रवाल को सौंपी गई है। इनके अलावा उप राजस्व निरीक्षक विनय सिंह और अवर अभियंता बीसी कुशवाहा भी टीम में शामिल है।अधिशासी अभियंता शरद कुमार हड़बड़ी में गड़बड़ी कर बैठे। जांच कमेटी के मुखिया ध्रुव अग्रवाल सहायक अभियंता पंचम के पद पर हैं। उनके पास उन स्थानों का अतिरिक्त कार्यभार भी है। श्री अग्रवाल के क्षेत्र में ही आधा दर्जन पुलों का निर्माण चल रहा है ।ऐसे में उन्हें जांच टीम में रखना ही शासनादेश और नैतिकता के विपरीत है। भले ही श्री अग्रवाल श्री अग्रवाल का स्क्रैप घोटाले से नाता न हो लेकिन जांच टीम में आने से ही उन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल उठता है कि जब ऐसे अधिकारी जांच टीम में होंगे तो जांच कमेटी किस तरह की जांच करेगी। एक तरफ चोरी और दूसरी तरफ सीना जोरी की कहावत यहां चरितार्थ होती नजर आ रही है। विभाग थाने में दी गई तहरीर का ढिढोरा पीट रहा है और मुकदमा दर्ज होने का दावा भी कर रहा है। जबकि पुलिस विभागीय दावे को ही झूंठा ठहरा रही है। इस संबंध में जयसिंहपुर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक अनिरुद्ध सिंह का कहना है कि ना तो उन्हें कोई तहरीर मिली है और ना ही कोई मुकदमा दर्ज हुआ है।ऐसे में विभाग की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।