Crime Journalist (सम्पादक – सेराज खान)

ब्यूरो चीफ सुल्तानपुर-आकृति अग्रहरि
छल कपट से हड़प लिए लाखों रूपये, मुकदमा दर्ज करने का आदेश!
मालिक ने घरेलू नौकर को लगाया 36 लाख का चूना!
जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के रामनाथपुर का मामला!
सुल्तानपुर – एक घरेलू नौकर अपने ही मालिक के छल कपट का शिकार हो गया है। घरेलू नौकर (मजदूर ) की कुछ जमीन पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में गई तो उसे 36 लाख का मुवावजा मिला। भारी रकम देख मालिक की नियति खराब हो गई और अंगूठा टेक नौकर को झांसे में लेकर बैंक कर्मियों की सांठगांठ से उसकी रकम अपने माता पिता भाई और अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिया। अब पीड़ित मजदूर अपनी रकम पाने के लिए भटक रहा है। इलाकाई पुलिस से मदद नहीं मिली तो अब अदालत में अर्जी देकर न्याय की गुहार लगाई। अपर सिविल जज ने मामले में जयसिंहपुर कोतवाली पुलिस को मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही का आदेश दिया है।
प्रकरण यूँ है। जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत रामनाथपुर गांव निवासी जवाहर लाल सपरिवार गांव के ही उदयभान उपाध्याय के यहां वर्षो से घरेलू नौकर के रूप में खेती किसानी का काम करता था। अशिक्षित जवाहर लाल की कुछ भूमि 2028 में पूर्वांचल एक्स्प्रेस वे के लिए अधिग्रहीत की गई।इस दौरान बैनामा से लेकर मुआवजा दिलाने तक पूरी औपचारिकता तक उदयभान के पुत्र संचित उपाध्याय जवाहरलाल को लेकर आते जाते रहे। बैनामे के बाद यूपीडा ने जवाहरलाल के खाते में 36.65 लाख रुपया बतौर मुआवजा दिया। आरोप है कि उस समय संचित उपाध्याय ने जवाहरलाल को मामूली रकम बताते हुए उसकी पासबुक अपने पास रख लिया। कुछ दिन बाद बैंक में ले जाकर जवाहरलाल से बैंक कर्मियों की मिली भगत से अपनी माँ शिखा उपाध्याय, पिता उदयभान, भाई अर्पित और शीतला उपाध्याय व स्वंय के खाते में 36 लाख रुपया तीन चार बार नेफ्ट करवा लिया। बताया जाता है कि हर बार उसे दस पांच हजार रुपया दे दिया करते थे, जिससे वह शक न करे। पोल उस वक्त खुल गई जब वर्षो बाद बैनामा लेखक की किसी मोड़ जवाहरलाल से मुलाक़ात हो गई। संयोग ही था कि बैनामा लेखक ने जवाहरलाल से पूछ बैठा कि, इतनी बड़ी रकम कहां खर्च किए तो जवाहरलाल लाल को 36.65 लाख मुआवजा मिलने की जानकारी हुई। वह उसी दिन जवाहरलाल संचित उपाध्याय के पास पहुंचा और पासबुक मांगने। आरोप है कि संचित उपाध्याय ने उसे गालियां देते हुए चुप रहने और शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित मजदूर ने इलाकाई पुलिस से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन रसूखदार के आगे उसकी सुनवाई नहीं हुई। इसके अधिवक्ता मनोज सिंह के जरिए पीड़ित ने अदालत में अर्जी दी। साक्ष्यों का परीक्षण करते हुए अपर सिविल जज अवनीश चंद्र गौतम ने बीते शुक्रवार को जयसिंहपुर पुलिस को मुकदमा दर्ज कर विवेचना किए जाने का आदेश दिया है।
