क्राइम जर्नलिस्ट(सम्पादक-सेराज खान)
मिट्टी मलाई के नाम से मशहूर मिट्टी के टीले, जिसको जानवर बड़ी चाव से खाते हैं।
राजेश तिवारी (संवाददाता)
ओबरा / सोनभद्र – सोनभद्र का नाम लेते ही सभी के दिमाग पर बड़े-बड़े पत्थर के चट्टान पत्थर की खदानें पहाड़ियां झरने और जिले में स्थित सोन नदी की बालू अन्य कई बातें बातों नजर आने लगते हैं । लेकिन रेणुका नदी पार ग्राम खरहरा थाना चोपन सोनभद्र जिला के अंतर्गत आपको ऐसे मिट्टी के छोटे-छोटे टीले देखने को मिलेंगे जहां पर गाय बकरी और भी कई जानवर मिट्टी से बने टीले को बड़े चाव से खाते हैं । मानसून खत्म होने के बाद ऐसा लगता है जैसे मानो इन जानवरों के लिए यह मिट्टी नहीं मलाई है और जो भी जानवर चारा के लिए इधर से गुजरते हैं वह बड़े चाव से इस मिट्टी को खाते हैं । गांव के लोगों ने बताया की 12 महीने जब भी जानवर इधर से गुजरते हैं तो बड़े चाव से इस मिट्टी को खाते हैं । ग्रामवासियों ने बताया की जानवर मिट्टी खाते हैं लेकिन फिर भी में कोई बीमारी नहीं होती है । जिले के पशु चिकित्सक से बात करने पर उन्होंने बताया कि अभी इसके बारे में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल पाया है।