क्राइम जर्नलिस्ट(सम्पादक-सेराज खान)

जिला मुख्यालय संवाददाता-राजेश पाठक

हत्या के दोषी लक्ष्मण खरवार उर्फ बड़कू को उम्रकैद
* 20 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
* जेल में बितायी अवधि सजा में होगी समाहित
* चार वर्ष पूर्व हुए शिवानी देवी हत्याकांड का मामला

सोनभद्र। चार वर्ष पूर्व कुल्हाड़ी से प्रहार कर हुए शिवानी देवी हत्याकांड के मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी लक्ष्मण खरवार उर्फ बड़कू को उम्रकैद व 20 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक श्याम नारायण पुत्र स्वर्गीय शिव प्रसाद खरवार निवासी ग्राम औड़ी टोला बिछड़ी, थाना अनपरा, जिला सोनभद्र ने अनपरा थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी पत्नी शिवानी देवी उम्र 27 वर्ष घर के बरामदे में खाना बना रही थी। वह बगल में अपनी भाभी से बात कर रहा था। उसकी पत्नी अभी 10-11 दिन पहले मायके से घर आई है। गांव का लक्ष्मण खरवार उर्फ बड़कू पुत्र दादूराम खरवार उसकी पत्नी पर गन्दी निगाह रखता था। उसकी पत्नी उसे नहीं चाहती थी, बावजूद इसके चक्कर लगाता रहता था। घटना 8 अक्तूबर 2020 की सुबह 10 बजे की है। लक्ष्मण खरवार उर्फ बड़कू कुल्हाड़ी लेकर उसके घर में घुस गया और बरामदे में खाना बना रही पत्नी शिवानी देवी के ऊपर कुल्हाड़ी से प्रहार कर गंभीर चोटें पहुंचाई। पत्नी के चिल्लाने की आवाज सुनकर वह और उसकी भाभी मौके पर पहुंची तो शिवानी खून से लतपथ पड़ी थी और लक्ष्मण खरवार उर्फ बड़कू कुल्हाड़ी लेकर भाग रहा था। पत्नी को लोगों की मदद से डीबुलगंज अस्पताल ले गया जहां डॉक्टर ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। गंभीर चोट लगने की वजह से पत्नी की मौत हो गई। आवश्यक कार्रवाई की जाए। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया। मामले की विवेचना करते हुए विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी लक्ष्मण खरवार उर्फ बड़कू को उम्रकैद व 20 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की।