क्राइम जर्नलिस्ट(सम्पादक-सेराज खान)

ऋषि परम्परा से प्रतिदिन हो रही हैं पूजा।

दुद्धी/सोनभद्र।(प्रमोद कुमार)स्थानीय टाऊन कलब मैदान पर चल रहे श्रीश्री सुदर्शन महायज्ञ 21 कुंडीय के दौरान लगातार ऋषि परम्परा से गौ वंश की पूजा श्री श्री 1008 नारायणाचार्य महाराज जी के द्वारा यज्ञ के यजमानों के साथ की जा रही है। मान्यता है कि गौ माता में समस्त देवी देवताओं का वास होता है, उनके शरीर के विभिन्न अंगों का अलग अलग महत्व है। जैसे गौ मूत्र में गंगा का वास और उनके गोबर में लक्ष्मी का वास रहता है इनके चरण स्पर्श मात्र से ही मनुष्यों को लाभमिलता है। 21 कुंडीय यज्ञ के षष्ठम दिवस भक्तों का जनसैलाब यज्ञ शाला के फेरी के लिए उमड़ पड़ा जहां सुबह करीब छः बजे से दोपहर बाद तक पुरुष सहित माताएं बहने एवं बच्चों ने कम से कम चार बार और अधिक से अधिक ग्यारह, इकीस और इक्यावन बार फेरी लगाए कुछ भक्तों ने तो 108 बार भी फेरी लगाए और सुख शांति एवं समृद्धि की कामना ब्रह्माण्ड के उपस्थित सभी देवी देवताओं से की। इससे पूर्व सोमवार की शाम श्री मद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर श्री श्री 1008 नारायणाचार्य महाराज जी के द्वारा श्री कृष्ण जन्मोत्सव के कथा का वर्णन किया। कथा सुनते हुए भगवान श्री राम चंद्र एवं भगवान श्री कृष्ण के अवतार का वर्णन कर जन्मोत्सव मनाया। जन्मोत्सव के दौरान भक्तों ने खूब नृत्य किया। इस दौरान राष्ट्रीय संत श्री रूपकृष्ण शास्त्री जी महाराज आयोजक समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार हलवाई सहित समिति के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं सहित मुक्तगण उपस्थित रहे।