क्राइम जर्नलिस्ट(सम्पादक-सेराज खान)

बेमौसम बारिश से कुम्हारों की चिंता, मौसम साफ होने पर मिट्टी के दीयों के निर्माण में तेजी।

दुद्धी/सोनभद्र।(प्रमोद कुमार) दीपावली और छठ पूजा के नजदीक आते ही मिट्टी के दीए, बर्तन और खिलौने बनाने वाले कुम्हार परिवारों की चिंता बढ़ गई थी क्योंकि बीच-बीच में हो रही बेमौसम बरसात से दीए बनाने का कार्य बाधित हो रहा था। लेकिन हाल ही में मौसम साफ होने के कारण मल्देवा गांव में मिट्टी के दीए बनाने का काम फिर से तेजी से शुरू हो गया है।
मल्देवा गांव के कुम्हारों द्वारा बनाए गए मिट्टी के दीए ऊर्जांचल क्षेत्र के कई हिस्सों में आपूर्ति किए जाते हैं। इनमें शक्तिनगर, अनपरा, ओबरा, रेणुकूट, चोपन, डाला सहित अन्य कई क्षेत्र शामिल हैं, जहां इन दीयों की काफी मांग रहती है।
स्थानीय कुम्हार परिवारों ने बताया कि दीपावली के नजदीक आते ही बाजार में मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ जाती है और मौसम के साफ होने से वे उत्पादन में तेजी लाने में जुट गए हैं।
बता दे कि मिट्टी के दीयों के फायदे भी लोगों के बीच जाने माने हैं। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि मिट्टी के दीयों की लौ स्वास्थ्य व वातावरण दोनों के लिए लाभकारी होती है। बुजुर्गों का यह भी कहना है कि मिट्टी के मटकों व घड़ों में रखा खाना स्वादिष्ट व शुद्ध होता है, इसलिए पहले लोग इनके इस्तेमाल को प्राथमिकता देते थे।