क्राइम जर्नलिस्ट(सम्पादक-सेराज खान)


पैग़म्बर पर एक यहूदी बुढ़िया हर दिन दुश्मनी से डालती थी कूड़ा,आज जुलूस के दौरान रास्ते में कूड़ो का अंबार देख दंग हुए लोग।
दुद्धी/सोनभद्र। दिन शुक्रवार को पैग़म्बर मोहम्मद साहब के जन्मदिन की खुशी के मौके पर ईद-ए मिलादुन्नबी बारह रबीउवल के मौके पर दुद्धी नगर में जुलूस निकली हुई थी।दुद्धी नगर पंचायत की लापरवाही देखी गई। समय लगभग 10:30 बजें दिन में जब जुलूस श्री शंकट मोचन मन्दिर के निकट पूरब की ओर जाने वाली रास्ते में राष्ट्रीय राज्य मार्ग मेन रोड पर पहुँची तो गन्दगी से गन्दा कूड़ो का अम्बर ढेरों सारा देखने को मेन मार्ग पर पड़ा हुआ मिला।

नगर पंचायत के इतनी बड़ी लापरवाही बरतने पर जुलूस में शरीक सहित अन्य देखने वाले सभी लोंग देखकर दंग रह गए।नगर पंचायत सहित सफाई कर्मचारियों को कोसते हुए लोग दिखाई दे रहें थे, पर कुछ तो जाहिर इस तरह कर रहें थे कि कोई बात नही बरसों पहले हमारे आका पैग़म्बरे रसूल मोहम्मद साहब पर रास्ते में जाते वक्त एक यहूदी बुढ़िया प्रतिदिन घर से निकाला हुआ गन्दा कूड़ा कचड़ा पैग़म्बर मोहम्मद साहब पर डालती थी।ठीक उसी प्रकार आज जुलुशे मोहम्मद में नगर पंचायत के अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा पवित्र जुलस में मौजूद आवाम के रास्तों के मुख्य मार्ग पर गन्दा कूड़ा कचड़ा डाल कर रखा गया आज ठीक उसी प्रकार डाल कर साबित किया जा रहा हैं जैसे बरसों पहले हम सभी के हुजूर पर कूड़ा डाला जाता था।

बरसों पहले यहूदी बुढ़िया पैग़म्बर मोहम्मद पर डालती थी गन्दा कूड़ा कचड़ा।
दरसल कुरआन मजीद की आयतों में हैं कि एक यहूदी बुढ़िया जब पैग़म्बर मोहम्मद साहब रास्ते से गुजरा करतें थे एक बुढ़िया इंतिजार में राह देखती रहती थी कि कब मोहम्मद रास्ते से गुजरेंगे की मैं गन्दा कूड़ा डालते,जब बुढ़िया के मकान के सामने से पैग़म्बर साहब गुज़रने लगते तो बुढ़िया ऊपर से गन्दा कूड़ा डाल देती थी।पैग़म्बर साहब उस यहूदी बुढ़िया को कुछ नही बोलते कूड़ा को झाड़ते हुए साथ हंसते हुए वहाँ से निकल जाते।कई दिनों तक बुढ़िया पैग़म्बर साहब पर गन्दा कूड़ा डालती रहती बुढ़िया सोचती रहती की मोहम्मद हमसे कुछ कहें या उलझें पर कुर्बान जाइये हमारें आका बुढ़िया को एक शब्द भी नही भला बुरा कहते।जब पैग़मर अकरम मोहम्मद साहब उसी रास्ते से जा रहें थे दो तीन दिन बीत गई बुढ़िया दिखलाई नही दे रही थी हुजूर पर कूड़ा नही डाला गया तो पैग़म्बर मोहम्मद साहब सोचे कि क्या बात हैं बुढ़िया हमारें ऊपर कूड़ा नही डाल रही हैं।दिखाई नही देने पर एक दिन बुढ़िया के घर पहुँचते हैं और देखते हैं जो बुढ़िया गन्दा कूड़ा डालती थी वह बुढ़िया बीमार की हालत में बे दाना पानी के बगैर पड़ी हुई हैं देख रेख करने वाला कोई नही हैं जब बुढ़िया से हाल चाल लेने पहुँचे पैग़म्बर बुढ़िया देख कर दंग रह गई, बुढ़िया मने मन सोचने लगी कि आज मोहम्मद हमसें बदला लेंगे।जब पैग़म्बर ने हाल चाल जाना बुढ़िया के सिर पर पैग़म्बर ने हाथ रखा पानी दिया आका ने बुढ़िया के आँखों में आशु बहने लगी और कहने पर मजबूर हो गई कि मैं आज चार पांच दिनों से बीमार पड़ी हुई हूं पास पड़ौस के लोग अब तक कोई भी हाल चाल लेने वाला नही आया ए मोहम्मद आप ने मेरा हाल चाल लेने के लिए मेरे पास आये वाकई में तुम आम आदमी नही हो पूरे क़ायनात के लिए रब्बुलालमिन बन कर आये हो।उसी जगह बुढ़िया कलमा पढ़ी और इस्लाम धर्म मे दाखिल होकर मुसलमान हो गई।
यह हैं पैग़म्बर मोहम्मद सारी क़ायनात के लिए व इंसानियत के लिए ख़ुदा ने रब्बुलालमीन बना कर भेजा किसी एक मज़हब के लिए नही पैग़म्बर अकरम मोहम्मद मुस्तफाजा ने रहमत पूरे क़ायनात के मख़लूक़ात के लिए रहमत बन कर आये हैं।
आज ठीक उसी तर्ज पर ईद-ए मिलादुन्नबी के मौके पर बारह रबीउवल का जुलूस के दौरान जिस तरह से दिन के उँजालों में 10:30 बजें दिन में बर्बरतापूर्वक दुद्धी नगर के पवित्र स्थल के निकट गन्दगी के साथ कूड़ो का अंबार सड़क पर पड़ा मिला निंदनीय हैं।देखने वालों की जुबान से निकल पड़ी की कोई बात नही कल हमारें आका पैग़म्बरे रसुल अकरम मोहम्मद साहब पर कूड़ा डालने वाली बुढ़िया ने जिस तरह अपनी गलतियों को एहसास की ठीक उसी तरह एक न एक दिन जरूर एहसास होगी।
