क्राइम जर्नलिस्ट(सम्पादक-सेराज खान)

राज्य स्तरीय कला प्रतियोगिता में वर्षा रानी को “हिंदी भाषा टूलकिट” बनाकर प्रदेश स्तर पर दूसरा स्थान मिला

दुद्धी/सोनभद्र।(प्रमोद कुमार)राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद लखनऊ के द्वारा आयोजित पंचम राज्य स्तरीय कला, क्राफ्ट और एवं पपेट्री प्रतियोगिता में हिंदी भाषा टूलकिट” बनाकर प्रदेश स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त कर वर्षा रानी ने पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया हैं।
पंचम राज्य स्तरीय कला, क्राफ्ट और एवं पपेट्री प्रतियोगिता में प्राथमिक वर्ग भाषा में “हिंदी भाषा टूलकिट” का निर्माण कर निर्णायक मंडल के समक्ष प्रस्तुत कर निर्णायक मंडल द्वारा लर्निंग आउटकम से सम्बद्धता तथा लर्निंग आउटकम की संप्रति में सामग्री की उपयोगिता, कक्षा-कक्ष शिक्षण में सामग्री की उपयोगिता, सामग्री का स्वरूप (आकर्षक/रोचक), कक्षा में उपयोग हेतु विकसित सामग्री की व्यवहारिकता, समयांतर्गत सामग्री निर्माण एवं सामग्री निर्माण पर किये गये न्यूनतम व्यय पर महत्तम अंक के आधार पर मूल्यांकन करते हुए सोनभद्र जिले की प्राथमिक विद्यालय कलकलीबहरा प्रथम की प्रधानाध्यापिका वर्षा रानी के द्वारा बनाए गए “हिंदी भाषा टूलकिट” को राज्य स्तर पर द्वितीय स्थान पर चयनित किया गया। शिक्षिका बताती हैं कि हिंदी भाषा टूलकिट में 6 से 7 वर्ष के बच्चों के भाषायी कौशल विकास हेतु स्वनिर्मित भाषा उपकरण ,राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 व राष्ट्रीय पाठ्यचर्या के रूपरेखा वर्ष 2023- 2024 की दिशा निर्देशों के आलोक में हिंदी भाषा सीखने-सिखाने के संतुलित और व्यवस्थित शिक्षण पद्धति के चार महत्वपूर्ण स्तंभ हैं जिसमें मौखिक भाषा विकास ,ध्वनि जागरूकता के साथ शब्द पठन ,लिखना ,समझ के साथ पढ़ना है।
भाषा सीखने-सिखाने के परंपरागत शिक्षण पद्धति के अंतर्गत सभी वर्णों/अक्षरों को सीखने के बाद मात्राभ्यास अपने क्रम के अनुसार कराया जाता था किंतु नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में हिंदी भाषा शिक्षण की संतुलित और व्यवस्थित शिक्षण पद्धति में हम पहले ऐसे वर्णों और अक्षरों के समूह सीखाते हैं जिनसे बहुत सारे शब्द बन सकें। इसके बाद बच्चों को लेखन एवं पठन का अभ्यास कराते हैं। कुछ वर्णों /अक्षरों जैसे क, र, म, न को सीखाने के बाद एक मात्रा जैसे आ की मात्रा वाले शब्दों का अभ्यास कराते हैं। इसका परिणाम अत्यंत उत्साहजनक प्राप्त हुआ है। बच्चों में भाषायी कौशल, सीख व समझ बहुत अच्छे ढंग से विकसित होती है। बच्चों को हिंदी भाषा में निपुण लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मेरे तैयार किए गए भाषायी कौशल विकास टूलकिट शून्य निवेश अधिगम का उत्तम उदाहरण है । इसे अध्यापक सहजता से बनाकर बच्चों के हिंदी भाषा के निपुण लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
विगत वर्षों में बच्चों ने भाषा में 95% से ऊपर निपुण लक्ष्य प्राप्त किया है ।
इस टूलकिट में हिंदी मौखिक भाषा विकास के 10 टूल्स तथा लिखित भाषा विकास के 10 टूल्स; मिलाकर कुल 20 टूल्स विकसित किए गए हैं ।