क्राइम जर्नलिस्ट(सम्पादक-सेराज खान)
बाबू जगदेव प्रसाद जी की जयंती धूमधाम से मनाई गई।
ओबर/सोनभद्र।(शयद आरिफ) स्थानीय थाना ओबरा अंतर्गत बिल्ली रोड पर स्थित कुशवाहा समाज भवन में 2 फरवरी को बाबू जगदेव प्रसाद जी की जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता अमित सिंह कुशवाहा ने की। समाज के वरिष्ठ सलाहकारों ने दीप प्रज्वलित कर और माल्यार्पण कर बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा को श्रद्धांजलि अर्पित की। वक्ताओं ने बाबू जगदेव प्रसाद जी के जीवन और वीरता से संबंधित बातों को समाज में साझा किया। ईभ दशरथ सिंह ने उनकी जीवनी को विस्तार से बताते हुए कहा कि वे दो बार अपने क्षेत्र से विधायक रहे और जनता के हित के लिए हमेशा सरकार के सामने चुनौती बनकर खड़े रहते थे। सूर्यनाथ सिंह जी ने उनकी वीरता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बाबू जगदेव प्रसाद हमेशा पिछड़ों के साथ खड़े रहे और उनके लिए ही अपनी जान न्योछावर कर दी। इंजीनियर सुरेंद्र सिंह जी ने बताया कि बाबू जगदेव प्रसाद को उस समय की वर्तमान सरकार ने गरीबों का मसीहा बनते देखकर उन्हें अनेकों लुभावन दिए, जिससे कि वह गरीबों के साथ हो रहे अत्याचार का विरोध ना करें। उन्होंने बताया कि बाबू जगदेव प्रसाद को केंद्रीय कैबिनेट में मुंह मांगा मंत्री पद देने को वर्तमान सरकार ■तैयार हो गई थी, लेकिन, इन्होंने कहा कि मैं
गरीबों के लिए लडूंगा ना कि अपने स्वयं के हित के लिए। इंजीनियर निशांत कुशवाहा ने बाबू जगदेव प्रसाद के पारिवारिक स्थिति और शिक्षा के बारे में समाज को बताया कि यह मध्यवर्ग के परिवार से होते हुए भी अपने देश, अपने समाज के लिए हमेशा तत्पर रहे। श्री कुशवाहा ने बताया कि हमें इनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए कि कोई भी वर्ग अपने आप को कमजोर न माने और समाज के हित के लिए कार्य करें। इंजीनियर मनोज कुशवाहा जी ने अपने वचनों से बाबू जगदेव प्रसाद की व्याख्या की। उपसचिव योगिता सिंह ने बताया कि बाबू जगदेव प्रसाद जी का जन्म स्थान से उनका बचपन का नाता है, श्रीमती सिंह का लालन पालन उसी गांव में हुआ है। उन्होंने बताया कि बाबू जगदेव प्रसाद को पहले ही पता चल गया था कि उनकी सभा में, उनकी हत्या करने की साजिश रची गई है। लेकिन
फिर भी वो पीछे नहीं हटे, और अपने सभा के संबोधन के लिए कार्यक्रम में शामिल हुए। पूर्व अध्यक्ष लालता प्रसाद मौर्य जी ने बापू जगदेव प्रसाद की वीरता को नमन करते हुए हमें भी उनके बताए पग चिन्हों पर चलने को कहा। समाज के सचिव ईश्वर दयाल मौर्य ने बताया कि एक ऐसे मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति थे, कि जो बात इन्होंने कहे दी, उसके लिए हमेशा तैयार रहते थे। कार्यक्रम का संचालन अनिल कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से समाज के उपसचिव रामदेव मौर्य, पुष्पा सिंह, उपाध्यक्ष इंजीनियर राकेश कुशवाहा एवं रमिता मौर्य, कोषाध्यक्ष आनंद शेखर मौर्य, कृष्णानंद सिंह, निर्मल सिंह, राधिका देवी, अरविंद कुशवाहा, सुषमा कुशवाहा, मनोरमा मौर्य, राम पदारत मौर्य, राजेश कुमार सिंह, गौतम कुमार सिंह, श्वेता सिंह, रेखा सिंह आदि लोग मौजूद रहे।