क्राइम जर्नलिस्ट(सेराज खान-सम्पादक)
कोलकाता में हैं 27 हजार मृत वोटर्स, CPM ने लगाया संगीन आरोप, चुनाव आयोग से की शिकायत
कलकत्ता।पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची में संशोधन का काम चल रहा है। इस बीच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने शिकायत की कि कोलकाता के 15 विधानसभा क्षेत्रों की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में 26 हजार 773 मृत मतदाताओं के नाम हैं।
कलकत्ता जिला सीपीएम नेतृत्व ने शिकायत की कि सूची में 7 हजार 401 नाम हैं, जो सूची के अनुसार संबंधित पते पर नहीं रहते हैं। सीपीएम कोलकाता जिला समिति सचिव कल्लोल मजूमदार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिज आफताब को सूची सौंपी।
कल्लोल ने कहा, “इन मृत मतदाताओं के नाम हटाने के लिए स्थानीय स्तर पर फॉर्म भरे गए हैं। क्षेत्र छोड़ चुके मतदाताओं के नाम हटाने के लिए औपचारिक आवेदन किया गया है। कई बार इन अनचाहे नामों को हटाने पर ध्यान नहीं दिया जाता है। इस बार ऐसा ना हो इसलिए मांग की गई है।”
कोलकाता के बेलेघाटा में हैं सबसे अधिक मृत वोटर्स
सीपीएम के पास मृत मतदाताओं की सूची पेश की गई है। इसमें देखा गया है कि सबसे ज्यादा मृत मतदाता बेलघाटा केंद्र में हैं। वहां यह संख्या 4 हजार 208 है। सूची के अनुसार अगला कसबा विधानसभा क्षेत्र है, जहां यह संख्या 3 हजार 289 लोगों की है। इसके अलावा, जादवपुर, बेहाला पश्चिम, श्यामपुकुर, मोनिकतला में कई फर्जी मतदाता हैं। बात दें कि से राज्य में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम चल रहा है। यह प्रक्रिया आठ दिसंबर तक चलेगी। सीपीएम की यह पहल फर्जी वोटरों के नाम रद्द करने के लिए राजनीतिक दबाव बनाने के लिए है। बता दें कि माकपा सहित विरोधी पार्टियां चुनाव में धांधली का आरोप लगाती रही हैं। उनका आरोप है कि मृत वोटर्स की जगह अन्य लोग सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करते हैं।
राज्य में आठ दिसंबर तक चलेगा मतदाता सूची में संशोधन का काम
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, सीपीएम सूची की जांच की जा रही है। चूंकि मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में अभी इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है। यदि निर्धारित प्रपत्र भरकर शिकायत की जाती है तो उसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, पिछले एक साल से राज्य में 2 लाख 79 हजार मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाये गये हैं। जनवरी में मतदाता सूची प्रकाशित होगी। उसी मतदाता सूची के आधार पर अगले साल पंचायत चुनाव होंगे। इस कारण मतदाता सूची काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।